विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध in Hindi

नमस्कार दोस्तो! स्वागत है आपका RDN Notes ब्लॉग में। तो आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है “विज्ञान वरदान या अभिशाप” के बारे में। and essay and बने रहिये इस Article में और जानिए पूरे Details में 

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विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध in Hindi 

 रूपरेखा 

  • प्रस्तावना
  • विज्ञान वरदान के रूप में 
  • चिकित्सा के क्षेत्र में
  • शिक्षा के क्षेत्र में
  • उद्योग एवं विज्ञान 
  • मनोरंजन के क्षेत्र में
  • आवागमन के क्षेत्र में
  • विज्ञान अभिशाप के रूप में 
  • उपसंहार

प्रस्तावना 

विज्ञान शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है वि+ज्ञान वि का अर्थ है, 'विशेष' । इस प्रकार विज्ञान का अर्थ होता है - 'विशेष ज्ञान'।

बुज रही है बिगुल ज्ञान की। 
हो रही सर्वत जय विज्ञान की ।।"

आज का युगू विज्ञान का युग है। विज्ञान ने हमारी बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति की है। उसने मानव जीवन खुशहाल बनाया है। उसने अंधे को आँखें, बहरे को कान, पंगु को पैर दिये है और मनुष्य को पक्षियों के समान उड़ने की सुविधा दी है।

विज्ञान वरदान के रूप में 

विज्ञान ने मानव जीवन को सुखी तथा सम्पन्न बना दिया है। 

चिकित्सा के क्षेत्र में

आज विज्ञान के द्वारा अनेक बीमारियों का एक्स-रे द्वारा आन्तरिक फोटो लेकर सरलता से पता लगा लिया जाता है। कैसर बीमारी का इलाज भी सम्भव हो गया है। आऑपरेशन के द्वारा न जाने कितने इंसानों को नया जीवन मिलता है। 

शिक्षा के क्षेत्र में 

वर्तमान समय में टी. वी. रेडियों तथा कम्प्यूटरों के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। 

उद्योग एवं विज्ञान 

मशीनों के द्वारा आज उद्योग का तेज गति से हो रहा है। जो कार्य पहले सौ व्यक्तियों द्वारा पूरा होता है आज मशीनों के द्वारा कम समय में एक ही व्यक्ति पूरा कर लेता है। 

मनोरंजन के क्षेत्र में 

मोबाइल, टेलीफोन, टेलीविजन, कम्प्यूटर, रेडियो, सिनेमा आदि अनेक ऐसे मनोरंजन के साधन है, जो विज्ञान ने मानव को दिये है।

आवागमन के क्षेत्र में 

प्राचीन समय में याता करना आज बहुत ही कष्ट होता था लेकिन बस, कार, रेल, मोटर साइकिल, हवाई जहाज आदि का उपयोग करके मानव दुनिया के एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से पहुंच सकता है।

विज्ञान अभिशाप के रूप में 

विज्ञान ने जहाँ मनुष्य को सुख - सुविधा एवं स्वास्थ्य दिया है वही दूसरी बम और जहरीली गैस इसके लिए मृत्यु से भी भयंकर साबित हो रही है। 

उपसंहार 

विज्ञानू स्वंय में शुक्ति नहीं है। वह मनुष्यों के हाथों में आकर ही शक्तिशाली बना है। उसका शुभ और अशुभ प्रयोग मनुष्य के हाथ में ही है। ईश्वर मनुष्य को ऐसी बुद्धि दे जिससे वह इसका उपयोग अच्छे से करे। 

"विज्ञान वरदान या अभिशाप"

अथवा

"विज्ञान की देन"

अथवा

"विज्ञान और मानव"

अथवा

"विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी"

अथवा

"विज्ञान का जीवन पर प्रभाव"

अथवा

"विज्ञान के बढ़ते चरण"


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